आंध्र प्रदेश की राजधानी अमरावती कब बनी?

आंध्र प्रदेश की राजधानी अमरावती कब बनी, यह एक ऐसा सवाल है जिसके जवाब में विभिन्न लोगों के अलग-अलग मत हो सकते हैं। कुछ लोग मानते हैं कि अमरावती 2015 में आंध्र प्रदेश की राजधानी बन गई थी, जब तत्कालीन मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने इसे राज्य की राजधानी घोषित किया था। अन्य लोग मानते हैं कि अमरावती 2023 में आंध्र प्रदेश की राजधानी बनी थी, जब मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने इसे राज्य की राजधानी के रूप में अपनाया था।
2015 में अमरावती की घोषणा
2014 में आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के विभाजन के बाद, आंध्र प्रदेश की नई राजधानी के लिए एक स्थान खोजने की प्रक्रिया शुरू हुई। 2015 में, तत्कालीन मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने अमरावती को राज्य की राजधानी घोषित किया। अमरावती आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले में स्थित एक शहर है। यह शहर आंध्र प्रदेश के पूर्वी तट पर स्थित है और इसे "पूर्वी भारत का प्रवेश द्वार" कहा जाता है।
2023 में अमरावती को अपनाया गया
2023 में, मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने विशाखापट्टनम को आंध्र प्रदेश की राजधानी घोषित किया। हालांकि, उन्होंने अमरावती को भी राज्य की "राजधानी शहर" के रूप में अपनाया। इस घोषणा के बाद, अमरावती में राज्य सरकार के कई कार्यालयों को स्थानांतरित कर दिया गया।
आंध्र प्रदेश की राजधानी के रूप में अमरावती की स्थिति
आज, अमरावती आंध्र प्रदेश की राजधानी शहर है। हालांकि, यह विशाखापट्टनम के साथ राज्य की राजधानी का दर्जा साझा करता है। अमरावती में राज्य सरकार के कई कार्यालय स्थित हैं, जिनमें विधानसभा, सचिवालय और उच्च न्यायालय शामिल हैं। अमरावती को एक आधुनिक और विकसित शहर के रूप में विकसित करने के लिए सरकार द्वारा कई योजनाएं शुरू की गई हैं।
अमरावती को राजधानी बनाने के पक्ष में तर्क
अमरावती को आंध्र प्रदेश की राजधानी बनाने के पक्ष में कई तर्क दिए गए हैं। इनमें शामिल हैं:
- अमरावती आंध्र प्रदेश के केंद्र में स्थित है, जिससे इसे राज्य के सभी हिस्सों से आसानी से पहुँचा जा सकता है।
- अमरावती एक समृद्ध इतिहास और संस्कृति वाला शहर है।
- अमरावती एक महत्वपूर्ण आर्थिक केंद्र है।
अमरावती को राजधानी बनाने के खिलाफ तर्क
अमरावती को आंध्र प्रदेश की राजधानी बनाने के खिलाफ भी कई तर्क दिए गए हैं। इनमें शामिल हैं:
- अमरावती एक नया शहर है और इसमें बुनियादी ढांचे का विकास अभी भी चल रहा है।
- अमरावती में आवास और परिवहन की लागत अधिक है।
- अमरावती के पास पर्याप्त नौकरी के अवसर नहीं हैं।
निष्कर्ष
आंध्र प्रदेश की राजधानी अमरावती कब बनी, यह एक ऐसा सवाल है जिसका कोई आसान जवाब नहीं है। कुछ लोगों के लिए, अमरावती 2015 में राजधानी बन गई थी, जब इसे आधिकारिक तौर पर घोषित किया गया था। अन्य लोगों के लिए, अमरावती 2023 में राजधानी बनी थी, जब इसे विशाखापट्टनम के साथ राज्य की राजधानी का दर्जा दिया गया था।
आंध्र प्रदेश की राजधानी के रूप में अमरावती की स्थिति अभी भी विकास के अधीन है। सरकार द्वारा शहर में बुनियादी ढांचे का विकास किया जा रहा है और इसे एक आधुनिक और विकसित शहर के रूप में विकसित करने के लिए कई योजनाएं शुरू की गई हैं।